अभिषेक शर्मा का क्रिकेट करियर

Abhishek Sharma, एक युवा और प्रतिभाशाली क्रिकेटर, जिन्होंने भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) में अपने आक्रामक बल्लेबाजी शैली से सबका ध्यान खींचा है। सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए खेलते हुए, अभिषेक ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। हाल ही में, 12 अप्रैल 2025 को पंजाब किंग्स के खिलाफ खेले गए एक IPL मैच में उन्होंने 141 रनों की शानदार पारी खेली, जो IPL इतिहास में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। इस पारी की मदद से SRH ने 246 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन इसके बावजूद, कुछ लोग मानते हैं कि T20I में अभिषेक शर्मा की कंसिस्टेंसी की कमी उन्हें भारत के लिए एक भरोसेमंद ओपनर बनने से रोक रही है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
IPL में Abhishek Sharma का प्रदर्शन: एक नजर
अभिषेक शर्मा ने IPL में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है। 2024 के IPL सीजन में, उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ओपनिंग करते हुए 16 मैचों में 484 रन बनाए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 204.22 था। इस दौरान उन्होंने 42 छक्के और 36 चौके लगाए, जो उनकी आक्रामक बल्लेबाजी का सबूत है। अभिषेक और ट्रैविस हेड की जोड़ी ने SRH को कई बार तेज शुरुआत दी, और टीम ने उस सीजन में दो बार IPL इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाया—पहले 277 और फिर 287 रन।
12 अप्रैल 2025 को पंजाब किंग्स के खिलाफ खेले गए मैच में अभिषेक ने अपनी ताकत का एक और नमूना पेश किया। उन्होंने 141 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें 10 छक्के शामिल थे। इस पारी में उन्होंने SRH के लिए संयुक्त रूप से सबसे तेज अर्धशतक (16 गेंदों में) भी बनाया। इस प्रदर्शन ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे इस फॉर्म को T20I में भी बरकरार रख सकते हैं?
T20I में Abhishek Sharma: कंसिस्टेंसी की कमी
अभिषेक शर्मा ने अपने IPL प्रदर्शन के दम पर जिम्बाब्वे के खिलाफ T20I सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई। T20I में उनका स्ट्राइक रेट 190 से ऊपर है, जो उनकी आक्रामकता को दर्शाता है। लेकिन कई विशेषज्ञ और प्रशंसक मानते हैं कि अभिषेक में कंसिस्टेंसी की कमी है, जो एक अंतरराष्ट्रीय ओपनर के लिए जरूरी है।
उदाहरण के लिए, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2024 में खेली गई T20I सीरीज के पहले मैच में अभिषेक मात्र 7 रन बनाकर पावरप्ले में आउट हो गए। यह उनके करियर का एक पैटर्न बनता जा रहा है—एक मैच में वे शानदार प्रदर्शन करते हैं, लेकिन अगले कई मैचों में उनके स्कोर 10 रन से नीचे रहते हैं। यह कंसिस्टेंसी की कमी भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि T20I जैसे फॉर्मेट में ओपनर से लगातार अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है।
क्या Abhishek Sharma भारत के लिए सही ओपनर हैं?
भारत को T20I में एक ऐसे ओपनर की जरूरत है जो न केवल आक्रामक हो, बल्कि भरोसेमंद और तकनीकी रूप से मजबूत भी हो। रोहित शर्मा, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी इस मामले में बेहतर विकल्प साबित हुए हैं। अभिषेक शर्मा की तुलना अक्सर वीरेंद्र सहवाग से की जाती है, जिन्हें उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था। लेकिन सहवाग भी अपने करियर के शुरुआती दिनों में कंसिस्टेंसी के लिए संघर्ष करते थे।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने अभिषेक का समर्थन करते हुए कहा था कि उनकी तुलना कंसिस्टेंसी के आधार पर नहीं, बल्कि प्रभाव के आधार पर की जानी चाहिए। उथप्पा का मानना है कि अभिषेक को अपनी नैचुरल गेम खेलने की आजादी दी जानी चाहिए। लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जहां हर मैच में रन बनाने की जरूरत होती है, वहां कंसिस्टेंसी एक अहम पहलू है।
Abhishek Sharma की ताकत और कमजोरियां
अभिषेक शर्मा की सबसे बड़ी ताकत उनकी आक्रामक बल्लेबाजी है। वे तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों के खिलाफ आसानी से रन बना सकते हैं। इसके अलावा, वे बाएं हाथ के उपयोगी स्पिनर भी हैं, जो उन्हें एक ऑलराउंडर बनाता है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी कमजोरी उनकी कंसिस्टेंसी है। वे एक मैच में 141 रन बना सकते हैं, लेकिन अगले कुछ मैचों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहता है।
Abhishek Sharma को अगर भारतीय टीम में लंबे समय तक जगह बनानी है, तो उन्हें अपनी तकनीक पर काम करने के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत होना होगा। T20I में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उन्हें अपनी गलतियों से सीखना होगा और हर मैच में एक नई शुरुआत करनी होगी।
भविष्य की संभावनाएं: Abhishek Sharma के लिए आगे क्या?
अभिषेक शर्मा अभी युवा हैं और उनके पास अपने खेल को बेहतर करने का समय है। 2018 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के लिए IPL डेब्यू करने वाले अभिषेक ने अपने करियर की शुरुआत में ही 19 गेंदों में 46 रन बनाकर सबको प्रभावित किया था। लेकिन उसके बाद उनके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 2022 में SRH के साथ टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 426 रन बनाए, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 133 था, जो उनकी आक्रामक शैली के मुताबिक कम था।
अगर Abhishek Sharma अपनी कंसिस्टेंसी पर काम कर पाए, तो वे निश्चित रूप से भारत के लिए एक बेहतरीन T20I ओपनर बन सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें घरेलू क्रिकेट में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा, ताकि वे चयनकर्ताओं का भरोसा जीत सकें।
Abhishek Sharma एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जिनमें भारत के लिए एक शानदार T20I ओपनर बनने की क्षमता है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और ऑलराउंड क्षमता उन्हें खास बनाती है। लेकिन उनकी कंसिस्टेंसी की कमी उनके करियर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अगर वे इस कमी को दूर कर पाए, तो आने वाले समय में वे भारतीय क्रिकेट के एक बड़े सितारे बन सकते हैं। प्रशंसकों को उम्मीद है कि अभिषेक जल्द ही अपनी कमजोरियों पर काबू पाकर भारत के लिए एक भरोसेमंद ओपनर बनेंगे।
क्या आपको लगता है कि अभिषेक शर्मा को T20I में और मौके मिलने चाहिए? अपनी राय जरूर साझा करें!